July 12, 2019

संस्कृत और संस्कृति ही भारतीयता का मूल नींव है (SANSKRIT LANGUAGE AND INDIAN ROOTS)

एक एक कर पढें कि संस्कृत किस तरह भारत की नींव है -
विभिन्न संस्थाओं के संस्कृत ध्येय वाक्य ---

भारत सरकार-- सत्यमेव जयते
लोक सभा-- धर्मचक्र प्रवर्तनाय
उच्चतम न्यायालय-- यतो धर्मस्ततो जयः
आल इंडिया रेडियो-- सर्वजन हिताय सर्वजनसुखाय

दूरदर्शन-- सत्यं शिवं सुन्दरम्
गोवा राज्य-- सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्।
भारतीय जीवन बीमा निगम-- योगक्षेमं वहाम्यहम्
डाक तार विभाग-- अहर्निशं सेवामहे
श्रम मंत्रालय-- श्रम एव जयते
भारतीय सांख्यिकी संस्थान-- भिन्नेष्वेकस्य दर्शनम्
थल सेना-- सेवा अस्माकं धर्मः
वायु सेना-- नभःस्पृशं दीप्तम्
जल सेना-- शं नो वरुणः
मुंबई पुलिस-- सद्रक्षणाय खलनिग्रहणाय
हिंदी अकादमी-- अहं राष्ट्री संगमनी वसूनाम्
भारतीय राष्ट्रीय विज्ञानं अकादमी-- हव्याभिर्भगः सवितुर्वरेण्यम्
भारतीय प्रशासनिक सेवा अकादमी-- योगः कर्मसु कौशलम्
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-- ज्ञान-विज्ञानं विमुक्तये
नेशनल कौंसिल फॉर टीचर एजुकेशन-- गुरुर्गुरुतमो धाम
गुरुकुल काङ्गडी विश्वविद्यालय-- ब्रह्मचर्येण तपसा देवा मृत्युमपाघ्नत
इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय-- ज्योतिर्व्रणीत तमसो विज्ञानन
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय:-- विद्ययाऽमृतमश्नुते
आन्ध्र विश्वविद्यालय-- तेजस्विनावधीतमस्तु
बंगाल अभियांत्रिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय,
शिवपुर-- उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान् निबोधत
गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय-- आनो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः
संपूणानंद संस्कृत विश्वविद्यालय-- श्रुतं मे गोपाय
श्री वैंकटेश्वर विश्वविद्यालय-- ज्ञानं सम्यग् वेक्षणम्
कालीकट विश्वविद्यालय-- निर्भय कर्मणा श्री
दिल्ली विश्वविद्यालय-- निष्ठा धृति: सत्यम्
केरल विश्वविद्यालय-- कर्मणि व्यज्यते प्रज्ञा
राजस्थान विश्वविद्यालय-- धर्मो विश्वस्य जगतः प्रतिष्ठा
पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविद्यालय--
युक्तिहीने विचारे तु धर्महानि: प्रजायते
वनस्थली विद्यापीठ-- सा विद्या या विमुक्तये।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद्--
विद्याsमृतमश्नुते।
केन्द्रीय विद्यालय-- तत् त्वं पूषन् अपावृणु
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड-- असतो मा सद्गमय
प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, त्रिवेन्द्रम-- कर्मज्यायो हि अकर्मण:
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर-- धियो यो नः प्रचोदयात्
गोविंद बल्लभ पंत अभियांत्रिकी महाविद्यालय, पौड़ी-- तमसो मा ज्योतिर्गमय
मदनमोहन मालवीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय गोरखपुर-- योगः कर्मसु कौशलम्
भारतीय प्रशासनिक कर्मचारी महाविद्यालय, हैदराबाद-- संगच्छध्वं संवदध्वम्
इंडिया विश्वविद्यालय का राष्ट्रीय विधि विद्यालय-- धर्मो रक्षति रक्षितः
संत स्टीफन महाविद्यालय, दिल्ली-- सत्यमेव विजयते नानृतम्
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-- शरीरमाद्यं खलुधर्मसाधनम्
विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नागपुर-- योग: कर्मसु कौशलम्
मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान,इलाहाबाद-- सिद्धिर्भवति कर्मजा
बिरला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान, पिलानी-- ज्ञानं परमं बलम्
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर-- योगः कर्मसुकौशलम्
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई-- ज्ञानं परमं ध्येयम्
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर-- तमसो मा ज्योतिर्गमय
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान चेन्नई--सिद्धिर्भवति कर्मजा
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की-- श्रमं विना नकिमपि साध्यम्
भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद-- विद्या विनियोगाद्विकास:
भारतीय प्रबंधन संस्थान बंगलौर-- तेजस्वि नावधीतमस्तु
भारतीय प्रबंधन संस्थान कोझीकोड-- योगः कर्मसु कौशलम्
सेना ई एम ई कोर-- कर्मह हि धर्मह
सेना राजपूताना राजफल-- वीर भोग्या वसुन्धरा
सेना मेडिकल कोर-- सर्वे संतु निरामया ..
सेना शिक्षा कोर-- विद्यैव बलम्
सेना एयर डिफेन्स-- आकाशेय शत्रुन् जहि
सेना ग्रेनेडियर रेजिमेन्ट.-- सर्वदा शक्तिशालिम्
सेना राजपूत बटालियन-- सर्वत्र विजये
सेना डोगरा रेजिमेन्ट-- कर्तव्यम् अन्वात्मा
सेना गढवाल रायफल-- युद्धया कृत निश्चयः
सेना कुमायू रेजिमेन्ट-- पराक्रमो विजयते
सेना महार रेजिमेन्ट-- यश सिद्धि?
सेना जम्मू काश्मीर रायफल-- प्रस्थ रणवीरता?
सेना कश्मीर लाइट इंफैन्ट्री-- बलिदानं वीर-लक्ष्यम्?
सेना इंजीनियर रेजिमेन्ट-- सर्वत्र
भारतीय तट रक्षक-वयम् रक्षामः
सैन्य विद्यालय-- युद्धं प्रगायय?
सैन्य अनुसंधान केंद्र-- बलस्य मूलं विज्ञानम्
- - - - - - - - - -
मित्रों!
सिलसिला यहिं खतम नहीं होता,
विदेशी भी हमारे कायल हैं देखें  जरा...
नेपाल सरकार-- जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी
इंडोनेशिया-जलसेना -- जलेष्वेव जयामहे (इंडोनेशिया) -
पञ्चचित
कोलंबो विश्वविद्यालय- (श्रीलंका)-- बुद्धि: सर्वत्र भ्राजते
मोराटुवा विश्वविद्यालय (श्रीलंका)-- विद्यैव सर्वधनम्
पेरादे
 पञ्चचित
कोलंबो विश्वविद्यालय- (श्रीलंका)-- बुद्धि: सर्वत्र भ्राजते
मोराटुवा विश्वविद्यालय (श्रीलंका)-- विद्यैव सर्वधनम्
पेरादेनिया विश्वविद्यालय-- सर्वस्य लोचनशास्त्रम्
- - - -
मित्रों!
संस्कृत और संस्कृति ही भारतीयता का मूल है .. भारत का विकास इसी से संभव है- तो कीजिये अपने गौरव को याद और सिर उठाकर कहिये "हम भारतीय हैं और संस्कृत हमारी पहचान है, हमें अपने गौरव का अभिमान है।"
भारत माता की जय..
जयतु संस्कृतम् जयतु भारतम्
जयहिंद..!! वन्देमातरम!!

No comments:

Post a Comment

All the postings of mine in this whole forum can be the same with anyone in the world of the internet. Am just doing a favor for our forum users to avoid searching everywhere. I am trying to give all interesting informations about Finance, Culture, Herbals, Ayurveda, phycology, Sales, Marketing, Communication, Mythology, Quotations, etc. Plz mail me your requirement - amit.knp@rediffmail.com

BRAND Archetypes through lens -Indian-Brands

There has been so much already written about brand archetypes and this is certainly not one more of those articles. In fact, this is rather ...