ब्राह्मण की वंशावली
भविष्य पुराण के अनुसार ब्राह्मणों का इतिहास है की प्राचीन काल में महर्षि कश्यप के पुत्र कण्वय की आर्यावनी नाम की देव कन्या पत्नी हुई। ब्रम्हा की आज्ञा से
दोनों कुरुक्षेत्र वासनी
सरस्वती नदी के तट
पर गये और कण् व चतुर्वेदमय
सूक्तों में सरस्वती देवी की स्तुति करने लगे
एक वर्ष बीत जाने पर वह देवी प्रसन्न हो वहां आयीं और ब्राम्हणो की समृद्धि के लिये उन्हें
वरदान दिया ।
वर के प्रभाव कण्वय के आर्य बुद्धिवाले दस पुत्र हुए जिनका
क्रमानुसार नाम था -
उपाध्याय,
दीक्षित,
पाठक,
शुक्ला,
मिश्रा,
अग्निहोत्री,
दुबे,
तिवारी,
पाण्डेय,
और
चतुर्वेदी ।
इन लोगो का जैसा नाम था वैसा ही गुण। इन लोगो ने नत मस्तक हो सरस्वती देवी को प्रसन्न किया। बारह वर्ष की अवस्था वाले उन लोगो को भक्तवत्सला शारदा देवी ने
अपनी कन्याए प्रदान की।
वे क्रमशः
उपाध्यायी,
दीक्षिता,
पाठकी,
शुक्लिका,
मिश्राणी,
अग्निहोत्रिधी,
द्विवेदिनी,
तिवेदिनी
पाण्ड्यायनी,
और
चतुर्वेदिनी कहलायीं।
फिर उन कन्याआं के भी अपने-अपने पति से सोलह-सोलह पुत्र हुए हैं
वे सब गोत्रकार हुए जिनका नाम -
कष्यप,
भरद्वाज,
विश्वामित्र,
गौतम,
जमदग्रि,
वसिष्ठ,
वत्स,
गौतम,
पराशर,
गर्ग,
अत्रि,
भृगडत्र,
अंगिरा,
श्रंगी,
कात्याय,
और
याज्ञवल्क्य।
इन नामो से सोलह-सोलह पुत्र जाने जाते हैं।
मुख्य 10 प्रकार ब्राम्हणों ये हैं-
(1) तैलंगा,
(2) महार्राष्ट्रा,
(3) गुर्जर,
(4) द्रविड,
(5) कर्णटिका,
यह पांच "द्रविण" कहे जाते हैं, ये विन्ध्यांचल के दक्षिण में पाय जाते हैं|
तथा
विंध्यांचल के उत्तर मं पाये जाने वाले या वास करने वाले ब्राम्हण
(1) सारस्वत,
(2) कान्यकुब्ज,
(3) गौड़,
(4) मैथिल,
(5) उत्कलये,
उत्तर के पंच गौड़ कहे जाते हैं।
वैसे ब्राम्हण अनेक हैं जिनका वर्णन आगे लिखा है।
ऐसी संख्या मुख्य 115 की है।
शाखा भेद अनेक हैं । इनके अलावा संकर जाति ब्राम्हण अनेक है ।
यहां मिली जुली उत्तर व दक्षिण के ब्राम्हणों की नामावली 115 की दे रहा हूं।
जो एक से दो और 2 से 5 और 5 से 10 और 10 से 84 भेद हुए हैं,
फिर उत्तर व दक्षिण के ब्राम्हण की संख्या शाखा भेद से 230 के
लगभग है |
तथा और भी शाखा भेद हुए हैं, जो लगभग 300 के करीब ब्राम्हण भेदों की संख्या का लेखा पाया गया है।
उत्तर व दक्षिणी ब्राम्हणां के भेद इस प्रकार है
81 ब्राम्हाणां की 31 शाखा कुल 115 ब्राम्हण संख्या
(1) गौड़ ब्राम्हण,
(2)मालवी गौड़ ब्राम्हण,
(3) श्री गौड़ ब्राम्हण,
(4) गंगापुत्र गौडत्र ब्राम्हण,
(5) हरियाणा गौड़ ब्राम्हण,
(6) वशिष्ठ गौड़ ब्राम्हण,
(7) शोरथ गौड ब्राम्हण,
(8) दालभ्य गौड़ ब्राम्हण,
(9) सुखसेन गौड़ ब्राम्हण,
(10) भटनागर गौड़ ब्राम्हण,
(11) सूरजध्वज गौड ब्राम्हण(षोभर),
(12) मथुरा के चौबे ब्राम्हण,
(13) वाल्मीकि ब्राम्हण,
(14) रायकवाल ब्राम्हण,
(15) गोमित्र ब्राम्हण,
(16) दायमा ब्राम्हण,
(17) सारस्वत ब्राम्हण,
(18) मैथल ब्राम्हण,
(19) कान्यकुब्ज ब्राम्हण,
(20) उत्कल ब्राम्हण,
(21) सरवरिया ब्राम्हण,
(22) पराशर ब्राम्हण,
(23) सनोडिया या सनाड्य,
(24)मित्र गौड़ ब्राम्हण,
(25) कपिल ब्राम्हण,
(26) तलाजिये ब्राम्हण,
(27) खेटुवे ब्राम्हण,
(28) नारदी ब्राम्हण,
(29) चन्द्रसर ब्राम्हण,
(30)वलादरे ब्राम्हण,
(31) गयावाल ब्राम्हण,
(32) ओडये ब्राम्हण,
(33) आभीर ब्राम्हण,
(34) पल्लीवास ब्राम्हण,
(35) लेटवास ब्राम्हण,
(36) सोमपुरा ब्राम्हण,
(37) काबोद सिद्धि ब्राम्हण,
(38) नदोर्या ब्राम्हण,
(39) भारती ब्राम्हण,
(40) पुश्करर्णी ब्राम्हण,
(41) गरुड़ गलिया ब्राम्हण,
(42) भार्गव ब्राम्हण,
(43) नार्मदीय ब्राम्हण,
(44) नन्दवाण ब्राम्हण,
(45) मैत्रयणी ब्राम्हण,
(46) अभिल्ल ब्राम्हण,
(47) मध्यान्दिनीय ब्राम्हण,
(48) टोलक ब्राम्हण,
(49) श्रीमाली ब्राम्हण,
(50) पोरवाल बनिये ब्राम्हण,
(51) श्रीमाली वैष्य ब्राम्हण
(52) तांगड़ ब्राम्हण,
(53) सिंध ब्राम्हण,
(54) त्रिवेदी म्होड ब्राम्हण,
(55) इग्यर्शण ब्राम्हण,
(56) धनोजा म्होड ब्राम्हण,
(57) गौभुज ब्राम्हण,
(58) अट्टालजर ब्राम्हण,
(59) मधुकर ब्राम्हण,
(60) मंडलपुरवासी ब्राम्हण,
(61) खड़ायते ब्राम्हण,
(62) बाजरखेड़ा वाल ब्राम्हण,
(63) भीतरखेड़ा वाल ब्राम्हण,
(64) लाढवनिये ब्राम्हण,
(65) झारोला ब्राम्हण,
(66) अंतरदेवी ब्राम्हण,
(67) गालव ब्राम्हण,
(68) गिरनारे ब्राम्हण
इस तरह ब्राह्मणों की उत्पत्ति और इतिहास के साथ इनका विस्तार अलग अलग राज्यो में हुआ और ये उस राज्य के ब्राह्मण कहलाये।
ब्राह्मण बिना धरती की कल्पना ही नहीं की जा सकती इसलिए ब्राह्मण होने पर गर्व करो और अपने कर्म और धर्म का पालन कर सनातन संस्कृति की रक्षा करे।
जय विश्वनाथ।।
भविष्य पुराण के अनुसार ब्राह्मणों का इतिहास है की प्राचीन काल में महर्षि कश्यप के पुत्र कण्वय की आर्यावनी नाम की देव कन्या पत्नी हुई। ब्रम्हा की आज्ञा से
दोनों कुरुक्षेत्र वासनी
सरस्वती नदी के तट
पर गये और कण् व चतुर्वेदमय
सूक्तों में सरस्वती देवी की स्तुति करने लगे
एक वर्ष बीत जाने पर वह देवी प्रसन्न हो वहां आयीं और ब्राम्हणो की समृद्धि के लिये उन्हें
वरदान दिया ।
वर के प्रभाव कण्वय के आर्य बुद्धिवाले दस पुत्र हुए जिनका
क्रमानुसार नाम था -
उपाध्याय,
दीक्षित,
पाठक,
शुक्ला,
मिश्रा,
अग्निहोत्री,
दुबे,
तिवारी,
पाण्डेय,
और
चतुर्वेदी ।
इन लोगो का जैसा नाम था वैसा ही गुण। इन लोगो ने नत मस्तक हो सरस्वती देवी को प्रसन्न किया। बारह वर्ष की अवस्था वाले उन लोगो को भक्तवत्सला शारदा देवी ने
अपनी कन्याए प्रदान की।
वे क्रमशः
उपाध्यायी,
दीक्षिता,
पाठकी,
शुक्लिका,
मिश्राणी,
अग्निहोत्रिधी,
द्विवेदिनी,
तिवेदिनी
पाण्ड्यायनी,
और
चतुर्वेदिनी कहलायीं।
फिर उन कन्याआं के भी अपने-अपने पति से सोलह-सोलह पुत्र हुए हैं
वे सब गोत्रकार हुए जिनका नाम -
कष्यप,
भरद्वाज,
विश्वामित्र,
गौतम,
जमदग्रि,
वसिष्ठ,
वत्स,
गौतम,
पराशर,
गर्ग,
अत्रि,
भृगडत्र,
अंगिरा,
श्रंगी,
कात्याय,
और
याज्ञवल्क्य।
इन नामो से सोलह-सोलह पुत्र जाने जाते हैं।
मुख्य 10 प्रकार ब्राम्हणों ये हैं-
(1) तैलंगा,
(2) महार्राष्ट्रा,
(3) गुर्जर,
(4) द्रविड,
(5) कर्णटिका,
यह पांच "द्रविण" कहे जाते हैं, ये विन्ध्यांचल के दक्षिण में पाय जाते हैं|
तथा
विंध्यांचल के उत्तर मं पाये जाने वाले या वास करने वाले ब्राम्हण
(1) सारस्वत,
(2) कान्यकुब्ज,
(3) गौड़,
(4) मैथिल,
(5) उत्कलये,
उत्तर के पंच गौड़ कहे जाते हैं।
वैसे ब्राम्हण अनेक हैं जिनका वर्णन आगे लिखा है।
ऐसी संख्या मुख्य 115 की है।
शाखा भेद अनेक हैं । इनके अलावा संकर जाति ब्राम्हण अनेक है ।
यहां मिली जुली उत्तर व दक्षिण के ब्राम्हणों की नामावली 115 की दे रहा हूं।
जो एक से दो और 2 से 5 और 5 से 10 और 10 से 84 भेद हुए हैं,
फिर उत्तर व दक्षिण के ब्राम्हण की संख्या शाखा भेद से 230 के
लगभग है |
तथा और भी शाखा भेद हुए हैं, जो लगभग 300 के करीब ब्राम्हण भेदों की संख्या का लेखा पाया गया है।
उत्तर व दक्षिणी ब्राम्हणां के भेद इस प्रकार है
81 ब्राम्हाणां की 31 शाखा कुल 115 ब्राम्हण संख्या
(1) गौड़ ब्राम्हण,
(2)मालवी गौड़ ब्राम्हण,
(3) श्री गौड़ ब्राम्हण,
(4) गंगापुत्र गौडत्र ब्राम्हण,
(5) हरियाणा गौड़ ब्राम्हण,
(6) वशिष्ठ गौड़ ब्राम्हण,
(7) शोरथ गौड ब्राम्हण,
(8) दालभ्य गौड़ ब्राम्हण,
(9) सुखसेन गौड़ ब्राम्हण,
(10) भटनागर गौड़ ब्राम्हण,
(11) सूरजध्वज गौड ब्राम्हण(षोभर),
(12) मथुरा के चौबे ब्राम्हण,
(13) वाल्मीकि ब्राम्हण,
(14) रायकवाल ब्राम्हण,
(15) गोमित्र ब्राम्हण,
(16) दायमा ब्राम्हण,
(17) सारस्वत ब्राम्हण,
(18) मैथल ब्राम्हण,
(19) कान्यकुब्ज ब्राम्हण,
(20) उत्कल ब्राम्हण,
(21) सरवरिया ब्राम्हण,
(22) पराशर ब्राम्हण,
(23) सनोडिया या सनाड्य,
(24)मित्र गौड़ ब्राम्हण,
(25) कपिल ब्राम्हण,
(26) तलाजिये ब्राम्हण,
(27) खेटुवे ब्राम्हण,
(28) नारदी ब्राम्हण,
(29) चन्द्रसर ब्राम्हण,
(30)वलादरे ब्राम्हण,
(31) गयावाल ब्राम्हण,
(32) ओडये ब्राम्हण,
(33) आभीर ब्राम्हण,
(34) पल्लीवास ब्राम्हण,
(35) लेटवास ब्राम्हण,
(36) सोमपुरा ब्राम्हण,
(37) काबोद सिद्धि ब्राम्हण,
(38) नदोर्या ब्राम्हण,
(39) भारती ब्राम्हण,
(40) पुश्करर्णी ब्राम्हण,
(41) गरुड़ गलिया ब्राम्हण,
(42) भार्गव ब्राम्हण,
(43) नार्मदीय ब्राम्हण,
(44) नन्दवाण ब्राम्हण,
(45) मैत्रयणी ब्राम्हण,
(46) अभिल्ल ब्राम्हण,
(47) मध्यान्दिनीय ब्राम्हण,
(48) टोलक ब्राम्हण,
(49) श्रीमाली ब्राम्हण,
(50) पोरवाल बनिये ब्राम्हण,
(51) श्रीमाली वैष्य ब्राम्हण
(52) तांगड़ ब्राम्हण,
(53) सिंध ब्राम्हण,
(54) त्रिवेदी म्होड ब्राम्हण,
(55) इग्यर्शण ब्राम्हण,
(56) धनोजा म्होड ब्राम्हण,
(57) गौभुज ब्राम्हण,
(58) अट्टालजर ब्राम्हण,
(59) मधुकर ब्राम्हण,
(60) मंडलपुरवासी ब्राम्हण,
(61) खड़ायते ब्राम्हण,
(62) बाजरखेड़ा वाल ब्राम्हण,
(63) भीतरखेड़ा वाल ब्राम्हण,
(64) लाढवनिये ब्राम्हण,
(65) झारोला ब्राम्हण,
(66) अंतरदेवी ब्राम्हण,
(67) गालव ब्राम्हण,
(68) गिरनारे ब्राम्हण
इस तरह ब्राह्मणों की उत्पत्ति और इतिहास के साथ इनका विस्तार अलग अलग राज्यो में हुआ और ये उस राज्य के ब्राह्मण कहलाये।
ब्राह्मण बिना धरती की कल्पना ही नहीं की जा सकती इसलिए ब्राह्मण होने पर गर्व करो और अपने कर्म और धर्म का पालन कर सनातन संस्कृति की रक्षा करे।
जय विश्वनाथ।।
भारद्वाज
ReplyDeleteत्रिप्रबर
माध्यान्दिनी
शुक्ल
यजुर्वेद
बिप्र
आचार्यपँडित
सुन्दरलालसौडियाल
शास्त्री
+919410270265
Fake data bhavisya Purana 19vi sadi Ka Purana hai.tab ye prachin kha hua
Deleteशांडिल्य गोत्र की वंशावली बताए
DeleteLamba hai bahoot.
DeleteDakaut Brahman are also called as Bhirguvanshi Brahman . There are about to 19 sub caste of Bhirguvanshi Dakaut Brahman. They all are shukracharya Vansaj in Lineage of Maharishi Bhirgu ji .
ReplyDeletevanshawali of bharava nath jha , nagar bhranin may pl be made available
ReplyDeleteत्यागी ब्राह्मण कहाँ भूल गए जो लाखो की संख्या में उत्तर भारत मे फैली हुई अयाचक ब्राह्मणो की संख्या है
ReplyDeleteत्यागी ब्राह्मण कहाँ भूल गए जो लाखो की संख्या में उत्तर भारत मे फैली हुई अयाचक ब्राह्मणो की संख्या है
ReplyDeleteYe washa wali likhne wale Brahman nhi lagte
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteकृपया शांडिल्य गोत्री सिंघनजोड़ी भार्गव ब्राह्मण के उत्पत्ति के बारे मे बताएं
ReplyDeleteहो सके तो फोन कर दें या वाट्सअप कर दें।
9454792881
I proud to say that " I Am brahmin"
ReplyDeleteDadich Brahman and Joshi Brahman me upper class brahmin kaun hai
ReplyDelete🙏 भाई साहब,
ReplyDeleteअति उत्तम जानकारी....
किन्तु जैसा आपने विवरण बताया ८१ ब्राह्मणों की ३१ शाखा, कुल ११५ ब्राह्मण संख्या...... किन्तु विवरण मे केवल ६८ ब्राह्मण प्रकार ही दर्शाये गए है, कृपया बचे हुए ४७ ब्राह्मण प्रकार का विवरण भी शीघ्र भेजने का कष्ट करें, ताकि जानकारी पूर्ण हो पाए ।
🙏
जानकारी की प्रतीक्षा मे.....आपका अनुज...
सादर निवेदक
🙏
पं. आशीष शर्मा (तिलकधारी)
aashish2509@gmail.com
7000545673
sharma brahman ke yaha baki brahmin shadi q nhi karte
Deletena apni ladki dete h aur na sharma ki ladki lete h |
Please Batane Ka Kast kare
Gujar God Brahman Kaha h Bhai ji es Naam m
ReplyDeleteGujar God Brahman Kaha h Bhai ji es Naam m
ReplyDeleteGujar God Brahman Kaha h Bhai ji es Naam m
ReplyDeleteभाई शांडिल्य गोत्र के पिंडी तिवारी के बारे में आप कुछ भी नहीं बताया है
ReplyDeleteहम भी वही के है लेकिन बिहार मे स्थाई और बंगाल के अस्थायी निवासी हो गये हैं।
DeleteAapBiharmekahakerahnewalehai Mai toSiwankahoophonperBtaye9903844912
DeleteNeeche likha hai ek log yhi question kiye hai wha pr
DeleteKuch chaurasiya Brahmin ke bare me jankari h apke pass to kripaya bataye. Mai shandilya gotra ka chaurasiya Brahmin hu
DeleteAgar koi bhi jankari hai to kripaya 9834469943 par ek bar bata de plz , apka abhar rahefq
DeleteAre maharaj kareli ojha k bare main jankari nahi diye.
ReplyDeleteKareli ojha gkp uttar pradesh pa ek gaon hai jaha se upmanyu gotriya ucch koti ke panktipawan saryupareeya ojha brahman rhte hai...
DeleteKripa karke jankari de
ReplyDeleteभाई साहब चौराशिया ब्राह्मिन कहा गये आप की लिस्ट में।
ReplyDeleteHaan mai bhi wahi puchh raha uu
DeletePanwadiy ki kuldavi ky ha g
ReplyDeleteक्रपया .डाकोत ब्राह्मणो के विषय मेँ भी कुछ बँधु गण अपने विचार रखे .
ReplyDeleteव्यास ब्राह्मण के बारे मे नही बताया
ReplyDeleteअच्छी ई
ReplyDeleteKya kaasyp gotrr h
ReplyDeleteआपके ब्लॉग में ब्राम्हण समाज का जो वर्गीकरण बताया गया है वह काफी ज्ञानवर्धक और जानने योग्य है | ब्राम्हण की उत्पत्ति इस संसार को धर्म के मार्ग पर लेन और प्रचार करने के लिए ही हुई है | जिससे इस संसार में शांति और एकग्रता बनी रहे | Talented India News
ReplyDeletePandit ji upraity brahmin ka name hi nahi ha is list me
ReplyDeleteGod barahman or dayma m upar kon h
ReplyDeleteकृपया नादौली के तिवारी के बारे मे बाताऐ 9305659749
ReplyDeleteकृपया बताएं कि सरयूपारीण, भारद्वाज गोत्र,मचैया पांडेय ब्राह्मणों में तेरह में आते हैं या कि नहीं।?
ReplyDeleteHmm bhai teatrah ke brahman hai
Deleteकृपया सरयूपारीण, भारद्वाज गोत्र मचैया पांडेय के बारे में बताएं, ये तेरह में आते हैं या नहीं?
ReplyDeleteAte hain 13 me garg gautam shandilya gotra ke brahmano ko chod ke sab gotra terah me hain
Deleteश्रौत्रिय ब्राह्मण कहीं नहीं दिख रही है ऐसा क्यो
ReplyDeleteSir mera nam Rishabh shukla h aur mai uttar pradesh Unnao ka rahne wala hu mera gotra bhradwaj h aur hm kashyap ke shukla h hme puri jankari nhi pta ki hm kha k hai kya aaap kuchh madad krenge.
ReplyDeleteKi bhradwaj gotra ke shukla jinhe ksyap ke shukla kha jata h wo kha se realated h
मेरा नाम अभिषेक पाठक है गोत्र मेरा भारद्वाज है मैं सरयूपारीण ब्राह्मण हु पर सभी कहते है कि पाठक और उपाध्याय ब्राह्मण नही होते ऐसा क्यों
ReplyDeleteAisa nahi hai bhai .. pathak uapadhyaya sarupareeya brahman me ek upjati hai...pathak chaubey upadhyaya ye sab saryupareeya brahman hote hain..
Deleteभृगुवंशी जोशी ब्राह्मण के बारे में भी बताइए
ReplyDeleteSir jangid braman kha gye
ReplyDeleteSir mera nam pradeep tripathi he me kanykubj brahmin ghgh ke tiwari hu iske bare me puri jankari deve
ReplyDeleteBhaiyya kasyap gotra ke baare me bhi bata digiye
ReplyDeleteउप्रेती ब्राह्मण की जानकारी नही है इसमें इस लिस्ट को पूरा उपडेट करे।
ReplyDeleteBhai sahab upreti brahman saryupareeya me nhi ate ....isiliye
Delete
ReplyDeleteपंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी पुस्तक डिस्कवरी ऑफ इंडिया मे लिखा है कि आर्य भारत के मूलनिवासी नही है ब्राह्मण बिदेशी है
Unki maa ka bhosda wo khud videshi the unhone poore india ki gaand maar li ....naya desh bana dala pakistan aur ab wo brahman ko videshi bol rhe hai aap kisi ki bato me naa naa aye satya ko janne ki koshish kare aur jane.... Dhanyawaad
Delete
ReplyDeleteक्या चाणक्य ब्राह्मण नही थे
Brahman the ..
DeleteLahariya Dubey ka gotra batein
ReplyDeleteUpmanyu
DeletePeedhi Tiwari k bare mai bhi kuch bataye wo sandily mai aate hai ya oopsandily mai, aap ne peedhi tiwari k bare mai kuch nhi bataya.
ReplyDeletePindi ke tiwari shandilya gotra ke gardabhimukh sakha ke ucch koti ke panktipawan brahman hote hai inka gotra gargamukh shandilya hai ye apne naam ke beech me pati laga te hai jaise kamlapati Tripathi ...pindi gkp ke paas ek gaon hai tiwari brahmano ka..
Deleteविश्वकर्मा ब्राह्मण कहां भूल गए
ReplyDeleteWo saryupareeya me nhi ate isi liye
DeleteBhardwaj gotra ke upadhyay saryuparni me aate hai kya
ReplyDeleteHaa
DeleteLekin jaroori nhi hai lekin saryupareeya me bharadwaj gotra me Upadhyay hote hain
Deleteइसका कोई प्रमाण है और आप को बता दु अधूरा ज्ञान बहुत घातक होता है
ReplyDeleteHum Kanyakubj kashyap gotra
ReplyDeleteMool sthan katra U.P.
Sakrej ke tiwari kehlate hai isme sakrej ka kya arth hi
यजुर्वेदी ब्राह्मण के बारे में बताएं
ReplyDeleteआपने सकलद्वीपी ब्राह्मणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी??
ReplyDeleteनार्मदीय ( नारमदेव ) ब्राह्मणों पर लेख मिलेगा क्या
ReplyDeleteBhai ji Goswami brahman hai ya nai.jaise dus naami.shaiv brahman.giri.puri.bharti.saraswati.van.aaranya.parvat.sagar.tyagi.sanyasi.agar hai to kahi .obc.me hai kahi general me hai kahi aadivasi me hai ye system hai vaise to kaha jata hai ki sabse shrest hai.aapki nazar me kya hai
ReplyDeleteBhai ji Goswami brahman hai ya nai.jaise dus naami.shaiv brahman.giri.puri.bharti.saraswati.van.aaranya.parvat.sagar.tyagi.sanyasi.agar hai to kahi .obc.me hai kahi general me hai kahi aadivasi me hai ye system hai vaise to kaha jata hai ki sabse shrest hai.aapki nazar me kya hai
ReplyDeleteBhai ji Goswami brahman hai ya nai.jaise dus naami.shaiv brahman.giri.puri.bharti.saraswati.van.aaranya.parvat.sagar.tyagi.sanyasi.agar hai to kahi .obc.me hai kahi general me hai kahi aadivasi me hai ye system hai vaise to kaha jata hai ki sabse shrest hai.aapki nazar me kya hai
ReplyDeleteDixit gotta aur dixit vanshvali dikhaye
DeleteWishavkrma brahmin ko kyun bhul gye. Jo ki uch koti ke brahmin h.
ReplyDeleteShakdweepiy Brahman ko bhi nahi bataya list me, jo ki bhavishya puran me he, shamb Puran me bhi hai......
ReplyDeleteJodhpura ka pr agnihotri ka gotr btaye plz
ReplyDeleteJodhpura brhamn or agnihotri brhamn ka gotr batye pls
ReplyDeleteये ब्रह्मा के विभिन्न अंगों से पैदा हुए सप्तर्षिगोत्रिय ब्राह्मण हैं।
ReplyDeleteब्रह्मा तो स्वयं नाभिउत्पन्न हैं इसलिए वैश्य हैं।
तो ये ब्राह्मण कैसे हुए।
उत्तर हैं तप,साधना से संस्कार उन्नति के कारण ब्राह्मण हुए।
चूँकि ये ऋषि उत्पन्ध हैं और.जन्मना ब्राह्मण.नहीं.है इसलिए इन्हें आर्षेय ब्राह्मण कहा जाता है।
इसके विपरीत विश्वकर्मावंशज वेदपुरूष विश्वकर्मा के मुख से उत्पन्न हैं अतः पुरूषसूक्त के अनुसार जन्म से ही ब्राह्मण हैं।
विश्वकर्मा वंशजों को इसलिए पौरूषेय ब्राह्मण कहा जाता है।
ये आदि ब्राह्मण हैं।
धन्यबाद... आपने बहुत अच्छी जानकारी साझा की.. ब्राह्मण वंशावली
ReplyDeleteकृपया भट्टमेवाड़ा ब्राह्मण में दवे की गौत्र के बारे में भी बताए। भारद्वाज व भार्गव में विभ्रांति हो रहा है। कोई तथ्य हो तो साझा करें।
ReplyDeleteपण्डित जयेश शर्मा
8239617274
कृपया भट्टमेवाड़ा ब्राह्मण में दवे की गौत्र के बारे में भी बताए। भारद्वाज व भार्गव में विभ्रांति हो रहा है। कोई तथ्य हो तो साझा करें।
ReplyDeleteपण्डित जयेश शर्मा
8239617274
कृपया भट्टमेवाड़ा ब्राह्मण में दवे की गौत्र के बारे में भी बताए। भारद्वाज व भार्गव में विभ्रांति हो रहा है। कोई तथ्य हो तो साझा करें।
ReplyDeleteपण्डित जयेश शर्मा
8239617274
कृपया मुझे कश्यप गोत्र के बारे में बताए पूरी जानकारी 7988441312
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteमेरा नाम अशोक जाजङा है । हम गुर्जर गौड है इसमे
ReplyDeleteकुल , वह वेश बताईए
ठीक है लेकिन यह लेख बहुत ही छोटा है।आधा अधुरा जानकारी देने से कोई फायदा नहीं है। सरयूपारी ब्राह्मणो की भी पूरी जानकारी देने में आपका लेख सफल नहीं हो सका तो ११५ की देना इतना आसान नहीं है। और फिर इन सबसे कोई भी फायदा नहीं है, जितनी जानकारी दी उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
ReplyDeleteinterestinggyan is a best hindi blog to increase your dharmik Knowledge. and know more about - religious stories,History, sociel problem, releted. and this blog is about Brahman Vanshavali.
ReplyDeleteBrahman 10 prakar ke hote hai
ReplyDeleteYe aapne sahi likha hai. Par ye chhote 115 brahmano ke prakar inhi 10 prakaro me ginne chahiye.
बढ़े कोंन है छोटे कोन है कैसे पता करे
ReplyDeleteOjha or bhrdwaj or Vashist mai shadi ho skti hai kya ??.Ojha god bhramin hote hai kya? bhrdwaj or Vashist god hai ?ye btao aap guru ji
ReplyDelete