July 12, 2019

भारतीय संस्कृति और विदेशी विचारधारा में अन्तर



डार्विन ने कहा : दूसरों को खाकर जियो। 
हक्सले ने कहा : जियो और जीने दो।

परन्तु मेरे वेदों ने कहा : सबको सुखी बनाने के लिये जियो । 
सर्वे भवन्तु सुखिन: ।

बाइबिल ने कहा : जिसका काम उसी का दाम।
कुरान ने कहा : जहान खुदा का, जिहाद इन्सान करे।

किन्तु मेरे वेदों ने कहा : मेहनत इन्सान की, सम्पत्ति भगवान की यानी
तेन त्यक्तेन भुजींथा।

बाइबिल ने कहा : ईसाई बनो 
कुरान ने कहा : मुसलमान बनो (कुरान म.सि.2)

वेदों ने कहा : मनुष्य बन जाओ मनुर्भव।

बाइबिल ने कहा : पढाई नौकरी के लिये।
कुरान ने कहा : पढाई कुरान के लिये। 

किन्तु मेरे वेदों ने कहा : पढाई केवल नैतिकता, ज्ञान और नम्रता के लिये।
विद्या ददाति विनयम।

अरस्तू ने कहा : राजनीति शासन के लिये।
कुरान ने कहा : शासन इस्लाम के प्रचार के लिये।

किन्तु मेरे वेदों ने कहा : राजनीति की अपेक्षा लोकनीति, शासन की अपेक्षा अनुशासन, तानाशाही की जगह संयम और अधिकार के स्थान पर कर्तव्य पालन करें।

ईसाइयों ने कहा : परमाणु हथियार नागासाकी और हिरोशिमा जैसे शहरों को नष्ट करने के लिये।
मुस्लिम आतंकियों ने कहा :
परमाणु हथियार मिल जायें तो काफिरों को मिटाने के लिये।

मेरे वेदों ने कहा : सम्पूर्ण विज्ञान ही जनकल्याण के लिये।
यथेमा वाचंकल्याण।

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