May 18, 2019

एक शराबी की वाणी -1


एक   हसीन   लडकी 
राजा  के  दरबार   में 
नृत्य    कर  रही   थी...

( राजा   बहुत   बदसुरत   था )

 लडकी   ने   राजा   से   एक 
 सवाल   की  इजाजत  मांगी
.
राजा   ने  कहा , 
" चलो  पुछो ."
.
लडकी   ने   कहा , 
 "जब    हुस्न   बंट   रहा   था
 तब   आप   कहां  थे..??
.
राजा   ने   गुस्सा   नही  किया 
बल्कि
मुस्कुराते   हुवे   कहा
  ~  जब   तुम   हुस्न   की 
       लाइन्   में   खडी 
       हुस्न    ले   रही   थी , ~ 
.
 ~    तो   में 
  किस्मत  की   लाइन  में  खडा
             किस्मत  ले  रहा  था
.
          और   आज  
     तुझ  जैसीे   हुस्न   वालीयां 
      मेरी  गुलाम   की   तरह
       नाच   रही   है...........
.
इसलिए   शायर  खुब  कहते  है,
.
    " हुस्न   ना   मांग
      नसीब   मांग   ए   दोस्त ,

       हुस्न   वाले   तो
      अक्सर   नसीब   वालों  के
      गुलाम   हुआ   करते   है...

      " जो   भाग्य   में   है , 
        वह   भाग   कर  आएगा,

         जो   नहीं   है , 
         वह   आकर   भी 
         भाग   जाएगा....!!!!!."

यहाँ   सब   कुछ   बिकता   है ,
दोस्तों  रहना  जरा  संभाल  के,

बेचने  वाले  हवा भी बेच देते है,
      गुब्बारों   में   डाल   के,

        सच   बिकता   है , 
        झूट   बिकता   है,
       बिकती   है   हर   कहानी,

       तीनों  लोक  में  फेला  है ,
       फिर   भी   बिकता   है 
       बोतल  में  पानी ,

कभी फूलों की तरह मत जीना,
जिस   दिन  खिलोगे ,
टूट  कर  बिखर्र  जाओगे ,
जीना  है  तो 
पत्थर   की   तरह   जियो ; 
जिस   दिन   तराशे   गए ,
" भगवान " बन  जाओगे...!!!!

बंद कर दिया सांपों को सपेरे ने यह कहकर, 
अब इंसान ही इंसान को डसने के काम आएगा।


आत्महत्या कर ली गिरगिट ने सुसाइड नोट छोडकर, 
अब इंसान से ज्यादा मैं रंग नहीं बदल सकता!

गिद्ध भी कहीं चले गए, लगता है उन्होंने देख लिया, 
कि इंसान हमसे अच्छा नोंचता है!

कुत्ते कोमा में चले गए, ये देखकर,
क्या मस्त तलवे चाटता है इंसान!


कोई टोपी, तो कोई अपनी पगड़ी बेच देता है,
मिले अगर भाव अच्छा, जज भी कुर्सी बेच देता है!


जला दी जाती है ससुराल में अक्सर वही बेटी, 
जिसकी खातिर बाप किडनी बेच देता है!


ये कलयुग है, कोई भी चीज़ नामुमकिन नहीं इसमें,
कली, फल, फूल, पेड़, पौधे सब माली बेच देता है!


धन से बेशक गरीब रहो, पर दिल से रहना धनवान,
अक्सर झोपड़ी पे लिखा होता है: "सुस्वागतम"

और महल वाले लिखते हैं:
"कुत्तों सॆ सावधान"

लेखक 
"एक मदमस्त शराबी "

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