हमारे कानपुर के मित्रों के लिये🌹🌹🌹
जो परमट आनंद को जी ले
अमरनाथ भी न फिर भाता
मंदिर भैरों बाबा घूमें
मुक्ति उसी घाट पे पाता
रह लो चाहे सिंगापुर में
ख़्वाब में पर कानहैपूर आता
हमको तो बस कानपुर भाता
दुबई की वो बीच साइड हो
पर वो मोती झील कहाँ है
लंदन का बिगबैन घूम लो
लाल इमली सी मील कहाँ है
रास्ता बस एक पूछ के देखो
कनपुरिया घर छोड़ के आता
हमको तो बस कानपुर भाता
चख लो तुम फ़्राइड राइस भले ही
बिरयानी बाबा तो अलग है
सागर रत्ना स्वाद ठीक है
ज्ञान वैष्णो ढाबा तो अलग है
हनुमान चाट को जो चख ले बस
जीभ न उसकी कुछ चढ़ पाता
हमको तो बस कानपुर भाता
बिजली गई तो शोर मचाया
आयी जो वापस और मचाया
मज़ा दोगुना जीआ था हमने
बचपन को पुरज़ोर सजाया
बीएसईएस का मज़ा कहाँ है
कैस्को से जो मिल के आता
हमको तो बस कानपुर भाता
बड़े से दिल सा बड़ा चौराहा
हटिया के पकवान कहाँ
कहाँ मिलेंगे अब बरखंडेश्वर
पनकी के हनुमान कहाँ
नवीन मार्केट की मस्ती और
बिठूर घाट का चैन कहाँ
पी रोड के चाट बताशे
अरमापुर सी रैन कहाँ
रामगंज के गलियारे से
गरम मसाला स्वाद चढ़ाता
हमको तो बस कानपुर भाता
’कानपुर की बात निराली
इज़्ज़त दें या दे फिर गाली
मर्यादा पूरी हैं निभाते
आप आप कर हैं बतियाते
मेहमान हो या फिर दुश्मन
मट्ठा ब्रेड मक्खन खिलवाते
हँस के बात तो कर के देखो
दिल से वो सबको अपनाते
पंगे पर जो लेता यूँ हीं
बहुत ही भीषण मार भी खाता
हमको तो बस कानपुर भाता
जो परमट आनंद को जी ले
अमरनाथ भी न फिर भाता
मंदिर भैरों बाबा घूमें
मुक्ति उसी घाट पे पाता
रह लो चाहे सिंगापुर में
ख़्वाब में पर कानहैपूर आता
हमको तो बस कानपुर भाता
दुबई की वो बीच साइड हो
पर वो मोती झील कहाँ है
लंदन का बिगबैन घूम लो
लाल इमली सी मील कहाँ है
रास्ता बस एक पूछ के देखो
कनपुरिया घर छोड़ के आता
हमको तो बस कानपुर भाता
चख लो तुम फ़्राइड राइस भले ही
बिरयानी बाबा तो अलग है
सागर रत्ना स्वाद ठीक है
ज्ञान वैष्णो ढाबा तो अलग है
हनुमान चाट को जो चख ले बस
जीभ न उसकी कुछ चढ़ पाता
हमको तो बस कानपुर भाता
बिजली गई तो शोर मचाया
आयी जो वापस और मचाया
मज़ा दोगुना जीआ था हमने
बचपन को पुरज़ोर सजाया
बीएसईएस का मज़ा कहाँ है
कैस्को से जो मिल के आता
हमको तो बस कानपुर भाता
बड़े से दिल सा बड़ा चौराहा
हटिया के पकवान कहाँ
कहाँ मिलेंगे अब बरखंडेश्वर
पनकी के हनुमान कहाँ
नवीन मार्केट की मस्ती और
बिठूर घाट का चैन कहाँ
पी रोड के चाट बताशे
अरमापुर सी रैन कहाँ
रामगंज के गलियारे से
गरम मसाला स्वाद चढ़ाता
हमको तो बस कानपुर भाता
’कानपुर की बात निराली
इज़्ज़त दें या दे फिर गाली
मर्यादा पूरी हैं निभाते
आप आप कर हैं बतियाते
मेहमान हो या फिर दुश्मन
मट्ठा ब्रेड मक्खन खिलवाते
हँस के बात तो कर के देखो
दिल से वो सबको अपनाते
पंगे पर जो लेता यूँ हीं
बहुत ही भीषण मार भी खाता
हमको तो बस कानपुर भाता
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