यह एक ऐसा पुल है जहां ट्रेन के साथ उसी के ट्रैक पर भारी वाहनों के साथ सभी प्रकार की वाहन मजे से गुजरती है. जान को हथेली पर रखकर रोज चलने की आदत यहां के लोगों को तो है ही रेल प्रशासन भी इससे अछूता नहीं है.
जी हां, यह रेलवे पुल है बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर कमला नदी पर.
जी हां, यह रेलवे पुल है बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर कमला नदी पर.
गुमटी नम्बर 53 का बेचारा रेलवे गुमटीमैन योगेन्द्र मलिक रोज प्रार्थना करता है खुदा से कि कोई बड़ी घटना न हो. इसकी कोई बात नहीं सुनता.
अंग्रेजों ने इस क्षेत्र की विकास की कल्पना की थी और इस नदी पर छोटा सा पुल दिया.1960 के दशक में जब छोटी लाइन इस इलाके में आयी तो रेलवे ने इस पुल पर ही ट्रैक बनाया और अपने अधीन कर लिया.लोगों को पैदल चलने के लिए पुल के किनारे फुटपाथ दे दिया गया.
उस जमाने में आज की तरह यातायात वाहनों की संख्या अधिक नहीं थी.साइकिल होना ही सबसे बड़ी बात थी.
उस जमाने में आज की तरह यातायात वाहनों की संख्या अधिक नहीं थी.साइकिल होना ही सबसे बड़ी बात थी.
समय बदलता गया पर रेलवे नहीं बदला. हद तो तब हो गयी जब राज्य सरकार ने सड़क बनाकर झंझारपुर को जोड़ने के लिए दोनों साइड से एप्रोच रोड दे दिया.
यहीं से जर्जर पुल की कहानी शुरू हुई और 2012 तक यह पुल चलने लायक नहीं रहा. न ट्रेन के लिए न लोगों के लिए.पुल की लकडी का स्लीपर सड़ चुका है.सारे हिलते हैं तो कहीं सड़कर गिर चुके है. स्लीपर के बीच ऐसा स्पेस है कि अगर वाहन का चक्का फंस गया तो निकालना मुश्किल है.
यहां के लोगों के लिए रेल बच्चों का खेल है. रेल के आगे तो कभी चलती रेल के पीछे दौड लगाना यहां के लोगों के लिए आम बात है. कोई डर नहीं न जिन्दगी जाने का खौफ.
1960 से लेकर अब तक जर्जर पुल पर लोग अपनी जिन्दगी को जोखिम में डाल चलते रहे है. इस इलाके का तारणहार कोई नहीं बन सका.
गौरतलब है कि ललित बाबू ने इस सौगात को दिया था. जगन्नाथ मिश्रा और फिर उनके बेटे नीतीश मिश्रा ने इस इलाके का कमान संभाला पर लोगों को सड़क पुल नहीं मिल सका.
रेलवे प्रशासन का कहना है कि जब तक नया पुल नहीं बनता. इस ट्रैक पर परिचालन रोकना मुश्किल है तो दूसरी तरफ इस इलाके के विधायक सह ग्रामीण विकास मंत्री का कहना है कि राज्य सरकार ने पैसे दे दिये हैं,अब रेलवे को बनाना है वो जाने.
http://koshixpress.com/2016/05/02/2442-rail-sadak/
No comments:
Post a Comment
All the postings of mine in this whole forum can be the same with anyone in the world of the internet. Am just doing a favor for our forum users to avoid searching everywhere. I am trying to give all interesting informations about Finance, Culture, Herbals, Ayurveda, phycology, Sales, Marketing, Communication, Mythology, Quotations, etc. Plz mail me your requirement - amit.knp@rediffmail.com