(नाबालिग, कमजोर दिल वाले और “सन्नि लियोन” को आदर्श मानने वाले इस लेख से दूर ही रहें – आदेशानुसार)
आज बाज़ार में जितनी भी गर्भनिरोधक गोलियां या इंजेक्शन हैं वो कुछ तकनीकों के आधार पर काम करते हैं
1 – Depo-Provera – यह गर्भनिरोधक इंजेशनों मे इस्तेमाल होनेवाली तकनीक है... इस तकनीक को जिस अमेरिकी कंपनी ने विकसित किया है, वो कंपनी अमेरिका मे इस तकनीक से बने इंजेक्शन नहीं बेच सकती (बेचारी कंपनी पर ही बैन लग गया है).... लेकिन ये कंपनी भारत मे धड़ल्ले से अपने इंजेक्शन बेच रही है (बधाई हो) ... इस तकनीक से बने इंजेक्शन गर्भाशय की कोशिकाओं की संख्या बढ़ा कर भ्रूण को मार देती हैं ... (मार लिया अपना अंश ... अब आगे पढ़ो) ... पर उसके बाद उन बढ़ी हुई कोशिकाओं को वापस कम कौन करेगा ?????? कालांतर मे आप गर्भाशय के ट्यूमर की दवा ले रहे होंगे (और अगर उन कोशिकाओं मे विष फैल गया तो ... कैंसर)
2 – NET-EN (Norethisterone Enantate) – ये भी इंजेक्शनों मे इस्तेमाल होती है ...ये पीयूष ग्रंथि (फिरंगियों के लिए “Pituitary gland”) की बाप-भाई एक कर देती है ... (और याद रहे कि “पीयूष ग्रंथि” से निकलने वाले “हारमोन” के बिना आप तो क्या “एनडी तिवारी” भी को भी बच्चा नहीं हो सकता)
3 – RU496, Norplant – इसका उपयोग गोलियों मे होता है .... इस तकनीक को विकसित करने वालों का कहना है कि ये गर्भाशय को ढीला कर देता है, जिससे गर्भ नहीं ठहरता ... (तो गर्भाशय को वापस संकीर्ण उसका बाप थोड़ी करेगा) ... सही है ... गर्भाशय कालांतर मे पूर्ण रूप से ढीला हो जाता है ... इसकी वजह से लड़कियों को माहवारी के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव और बेहोशी आती है .... इसके अलावा इन सभी (तीनों तकनीकों ) के उपयोग में कमजोरी आना, सिरदर्द (माइग्रेन) और बोलने मे परेशानी, सीने मे दर्द, आकस्मित खांसी, एक या दोनों पैरों मे दर्द या सूजन, उल्टियाँ आना, योनि से खून आना, स्तनों मे सूजन, नींद ना आना, बुखार आना, शरीर मे खुजली होना, भूख ना लगना ... ये सामान्य बात है
आज बाज़ार में जितनी भी गर्भनिरोधक गोलियां या इंजेक्शन हैं वो कुछ तकनीकों के आधार पर काम करते हैं
1 – Depo-Provera – यह गर्भनिरोधक इंजेशनों मे इस्तेमाल होनेवाली तकनीक है... इस तकनीक को जिस अमेरिकी कंपनी ने विकसित किया है, वो कंपनी अमेरिका मे इस तकनीक से बने इंजेक्शन नहीं बेच सकती (बेचारी कंपनी पर ही बैन लग गया है).... लेकिन ये कंपनी भारत मे धड़ल्ले से अपने इंजेक्शन बेच रही है (बधाई हो) ... इस तकनीक से बने इंजेक्शन गर्भाशय की कोशिकाओं की संख्या बढ़ा कर भ्रूण को मार देती हैं ... (मार लिया अपना अंश ... अब आगे पढ़ो) ... पर उसके बाद उन बढ़ी हुई कोशिकाओं को वापस कम कौन करेगा ?????? कालांतर मे आप गर्भाशय के ट्यूमर की दवा ले रहे होंगे (और अगर उन कोशिकाओं मे विष फैल गया तो ... कैंसर)
2 – NET-EN (Norethisterone Enantate) – ये भी इंजेक्शनों मे इस्तेमाल होती है ...ये पीयूष ग्रंथि (फिरंगियों के लिए “Pituitary gland”) की बाप-भाई एक कर देती है ... (और याद रहे कि “पीयूष ग्रंथि” से निकलने वाले “हारमोन” के बिना आप तो क्या “एनडी तिवारी” भी को भी बच्चा नहीं हो सकता)
3 – RU496, Norplant – इसका उपयोग गोलियों मे होता है .... इस तकनीक को विकसित करने वालों का कहना है कि ये गर्भाशय को ढीला कर देता है, जिससे गर्भ नहीं ठहरता ... (तो गर्भाशय को वापस संकीर्ण उसका बाप थोड़ी करेगा) ... सही है ... गर्भाशय कालांतर मे पूर्ण रूप से ढीला हो जाता है ... इसकी वजह से लड़कियों को माहवारी के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव और बेहोशी आती है .... इसके अलावा इन सभी (तीनों तकनीकों ) के उपयोग में कमजोरी आना, सिरदर्द (माइग्रेन) और बोलने मे परेशानी, सीने मे दर्द, आकस्मित खांसी, एक या दोनों पैरों मे दर्द या सूजन, उल्टियाँ आना, योनि से खून आना, स्तनों मे सूजन, नींद ना आना, बुखार आना, शरीर मे खुजली होना, भूख ना लगना ... ये सामान्य बात है
No comments:
Post a Comment
All the postings of mine in this whole forum can be the same with anyone in the world of the internet. Am just doing a favor for our forum users to avoid searching everywhere. I am trying to give all interesting informations about Finance, Culture, Herbals, Ayurveda, phycology, Sales, Marketing, Communication, Mythology, Quotations, etc. Plz mail me your requirement - amit.knp@rediffmail.com