March 29, 2016

स्वामी विवेकानंद के 8 पाठ

स्वामी विवेकानंद के 8 पाठ : ...
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1. “एक विचार लो, उस विचार को अपनी जिंदगी बना लो, उसके सपने देखो, उसके बारे में सोचो, अपने हर अंग, मस्तिष्क, शरीर, नसें, ग्रंथिया से उसके बारे में सोचो, हर दूसरे विचार को त्याग दो। यह सफल होने का सबसे अच्छा तरीका है, और इसी तरह से बहुत सी महान आत्मायें उतपन्न होती हैं।”
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2. “आपको अपने अंदर से ही आगे आना होगा, कोई आपको नहीं सिखा सकता , कोई आपको अध्यात्मिक नहीं बना सकता है। यहां कोई शिक्षक नहीं है, सिर्फ आपकी आत्मा ही आपको सिखा सकती है”
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3. “सभी शक्तियां आपके अंदर हैं, आप उनसे सबकुछ कर सकते है। उनमें विश्वास रखिए, कभी नहीं सोचिए की आप कमजोर हैं, कभी यह भी ना सोचें की आप थोडे मुर्ख हैं। आप सबकुछ कर सकते हैं, वह भी बिना किसी की दया से। खडे हो और अपनी दिव्यता को महसुस करो।”
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4. “आपका सबसे बड़ा शत्रु खुद आपका खुद को कमजोर सोचना ही है।”
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5. “हमेशा निडर रहो, निर्भीक होकर अपने विचारों को वहां तक जाने दो जहां तक वह जाने देते हैं, निजरता से उनका जिंदगी भर पालन भी करो।”
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6. “हम वही होते हैं जो हमारे 'विचार' हमें बनाते है, इसलिए इसका ध्यान रखो कि आप क्या सोचते हो। शब्द तो आते-जाते रहते हैं, पर 'विचार' हमेशा साथ रहते हैं।”
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7. “ना तो ज्यादा बोलो और ना ही अनदेखा करो.., आपको हर तरफ से ज्ञान मिल सकता है।” ........ और सबसे बडी बात ...
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8. “जो आग हमें जलाती है वही हमें पालती भी है तो यह आग की गलती नहीं है कि आप जल रहे हैं।”
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