March 05, 2014

Story - लापरवाही और उसका तकलीफ भरा परिणाम

एक प्यारे से couple को करीब 10 साल बाद एक बच्ची हुई, वो सभी आपस में खुश थे, एक दूसरे से बहुत 

प्यार करते थे. और बच्ची तो उनकी दुलारी थी. एक सुबह, जब बच्ची करीब कुछ दो सालो की थी, तो पति 

ने टेबल पर एक बोतल देखि जिसका ढ़क्कन खुला हुआ था. वो काम के लिए late हो रहा था. इसलिए 

उसने पत्नी को बोतल का ढ़क्कन लगाने और उसे अलमारी में रखने के लिए कह कर चला गया. पत्नी जो 

की kitchen में अपने काम में busy थी. वो भूल ही गयी. उसका ध्यान नहीं गया. छोटी लड़की ने उस 

बोतल को देखा और खेल खेल में उसके पास जाकर उसे उठा लिया. उसके रंगीन रंग को देख कर खुश होते 

हुए उससे खेलने लगी. और उसे पूरा पी गयी… वो बोतल एक दवा की थी, जो adults के लिए वो भी कम 

dosages के लिए थी. उस दवा से बच्ची की हालत बहुत ख़राब हो गयी. दवा जहर की तरह असर कर रही 

थी. क्योंकि उसका छोटा सा शरीर सह नहीं पा रहा था.. जब उसकी माँ ने यह देखा तो वो तुरंत उसे 

अस्पताल ले गयी, जहाँ उसकी मृत्यु हो गयी.. उसकी माँ बहुत ही डर गयी, और सदमे में आ गयी. वो 

अपने पति का सामना कैसे करेगी.. खबर पाते ही, पति जब आये और अपनी बच्ची को इस हालत में देखा 

तो वो सह नहीं पाए, उन्हें दर्द हुआ. उन्होंने अपनी पत्नी की तरफ नजर उठा के देखा, वो सहमी हुई थी, 

और कहा, “ मैं तुम्हे बहुत ही ज्यादा चाहता हूँ.” और पत्नी को गले लगाकर उसे सहारा दिया, अपने बच्चे 

को खोने के गम में वो बिलख पड़ी… पति के ऐसे reaction की उम्मीद नहीं थी, पर उसके मन में बस एक 

बात आई. अगर वो खुद ही बोतल बंद कर देता तो, और अपनी पत्नी, जिसने अभी अभी अपनी मासूम सी 

बच्ची खोयी है, उसे दिलासे की जरुरत है, आरोप-प्रत्यारोप से कुछ नहीं होने वाला था… उसने वो किया जो 

समय और स्तिथि के अनुरूप था. कई बार हमारे जीवन में भी ऐसे पल आ जाते है, जब हम आसानी से 

किसी पर अपना काम थोप देते है, जबकि हम स्वयं ही उन्हें करने के काबिल हैं. हम दूसरो पर असफ़लता 

का ठीकरा भी फोड़ देते है. और हम मौके की नज़ाकत को भी नहीं समझते है. .


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