November 28, 2016

कालाधन पर वर्तमान राजनीति पर कटाक्ष (गुप्तधन !गुप्त है न ! )

गुप्तधन !गुप्त है न !
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
गुप्तधन कहां है ? किस जगह है ? किस रूप में है ?
यह कौन बतला सकता है ? गुप्त है न !
यदि यह प्रकट हो जाय तो वह गुप्त ही किस बात का ?
फिर भी यह सच है कि वह गुप्त है !
उसकी चाल ,उसकी गतिविधियां भी उसी प्रकार से गुप्त ही हैं ।

गुप्तधन के विरुद्ध जो अभियान चला .उसका मुहूर्त किसने निकाला ?
क्यों निकाला ? यह दूसरा कौन बतला सकता है ? गुप्त है न !
इस अभियान का मूल कारण क्या है ? गुप्त है न !
इस अभियान का इतना बड़ा फैसला किस मन:स्थिति में और किस परिस्थिति के दबाव में किया गया ,यह रहस्य उनके सिवा कौन जानें ?गुप्त है न !
इस अभियान के समर्थन और विरोध में कौन किसलिये है ?
किस रूप में है ?गुप्त है न !
निश्चित-रूप से यह भी गुप्त रहस्य ही है !
अन्दर ही अन्दर गुप्त-संघर्ष चल रहा है !
और हरजगह हरस्तर पर चल रहा है !गुप्त है न !
पक्ष और विपक्ष से जो भी कुछ बाहर प्रकट किया जा रहा है ,
बात उतनी ही नहीं है ! गुप्त है न !
इस अभियान का मूल- प्रयोजन क्या है ? यह तो व्यक्ति या कुछ व्यक्ति अवश्य जानते हैं किन्तु
इसका परिणाम क्या होगा ? यह तो भविष्य ही बतलायेगा ?
जो भी हो ,यह ऐतिहासिक अभियान है , परिवर्तन का अभियान है ! कितनी दूर तक पंहुचेगा ? कौन जाने ?
गुप्त है न !

No comments:

Post a Comment

All the postings of mine in this whole forum can be the same with anyone in the world of the internet. Am just doing a favor for our forum users to avoid searching everywhere. I am trying to give all interesting informations about Finance, Culture, Herbals, Ayurveda, phycology, Sales, Marketing, Communication, Mythology, Quotations, etc. Plz mail me your requirement - amit.knp@rediffmail.com

BRAND Archetypes through lens -Indian-Brands

There has been so much already written about brand archetypes and this is certainly not one more of those articles. In fact, this is rather ...