अपने लिये कोई कामकाज, कोई नौकरी ढूंढने में वेतन कितना महत्वपूर्ण है, इस प्रश्न का उत्तर देते हुए बता रहे हैं कि हमें अपनी गतिविधि की कीमत कैसे आँकनी चाहिये?
मेरे पास चुनने के लिये एक ऊंचे वेतन वाली नौकरी है और दूसरी तरफ वो काम है जो मुझे वास्तव में पसन्द है पर जहाँ वेतन ज्यादा नहीं है। तो इन दोनों में मैं किसे चुनूँ?
सद्गुरु: आप की लायकी या कीमत क्या है यह सिर्फ इस दृष्टि से नही आंकना चाहिये कि आप कितना कमा रहे हैं। आप को क्या जिम्मेदारी दी गयी है, इस दृष्टि से इसका आकलन होना चाहिये। आप कितना कमा रहे हैं, यह विशेष बात नहीं है। विशेष बात यह है कि आप को कुछ नया बनाने, निर्माण करने की स्वतंत्रता है।
धन हमारे जीवन का साधन है अतः इस दृष्टि से आवश्यक है लेकिन आप को अपना मूल्यांकन हमेशा इस दृष्टि से करना चाहिये कि आप को क्या करने के लिये कहा गया है, किस स्तर की जिम्मेदारी आप को दी जा रही है? कुछ खास, कुछ ऐसा जो वास्तविक रुप से कीमती है, स्वयं अपने लिये और अपने आसपास के सभी लोगों के लिये निर्माण करने का कितना अवसर आप को उपलब्ध है?
दूसरे जीवन पर अच्छा असर डालना
इस संसार में आप जो कुछ भी काम करते हैं वह सही रूप से तभी कुछ विशेष है, कीमती है जब आप अन्य लोगों के जीवन पर गहराई से कुछ अच्छा असर डालते हैं। उदाहरण के लिये, अगर आप एक फ़िल्म बना रहे हैं तो क्या आप ऐसी फिल्म बनाना चाहेंगे जो कोई देखना ही न चाहे? क्या आप ऐसा मकान बनाना चाहेंगे जिसमें कोई रहना ही न चाहे? आप ऐसा कुछ भी बनाना नहीं चाहेंगे जिसका कोई दूसरा उपयोग ही न करना चाहे क्योंकि किसी न किसी अर्थ में आप दूसरों के लिये कुछ अच्छा करना चाहते हैं।
यदि आप ध्यानपूर्वक देखें तो आप ऐसा काम करना चाहते हैं जिससे लोगों के जीवन पर अच्छा असर पड़े। कई लोग अपना जीवन कामकाज और परिवार के बीच बाँट लेते हैं, उनके लिये कामकाज सिर्फ धन कमाने के लिये है और परिवार ऐसी जगह है जहाँ वे दूसरों के जीवन को छूते हैं, उन पर असर डालते हैं। लेकिन यह भाग सिर्फ परिवार तक सीमित नहीं रहना चाहिये। यह जीवन के प्रत्येक भाग के लिये होना चाहिये। आप कुछ भी करें, उससे लोगों के जीवन पर अच्छा असर पड़ना चाहिये, यही सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
आप कितनी गहराई से दूसरों के जीवन को छूते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप जो कुछ कर रहे हैं, उसमें किस हद तक आप की भागीदारी है। अगर आप अंदर तक गहरे उतरे हैं तो स्वाभाविक रूप से आप जिस तरह से काम करते हैं, वह अलग ही होगा और आप को आप की योग्यता के अनुसार पैसा मिलेगा। कभी कभी आप को कुछ मोलभाव करना पड़ सकता है और वेतनवृद्धि के लिये मांग भी करनी पड़ सकती है, शायद आप की कंपनी को इस बारे में आप को याद भी दिलाना पड़ सकता है पर सामान्य रूप से यदि लोग समझते हों कि उस विशेष कारोबार या कंपनी के लिये आप की क्या कीमत है तो वे आप को उसके अनुसार वेतन देंगे।
आप जो कर रहे हैं, उसमें अगर आप तरक्की करते हैं तो किसी समय पर , जब जरूरी हो तो आप एक स्थान को छोड़ कर दूसरे पर जा सकते हैं और आप को मिलने वाला पैसा दस गुना भी बढ़ सकता है। जैसे, मान लीजिये,आप एक कम्पनी के प्रमुख हैं और किसी कारण से वे आप को पर्याप्त पैसा नहीं दे रहे, लेकिन उन्होंने आप को कंपनी चलाने की सम्पूर्ण जिम्मेदारी सौंप रखी है। अब, अगर आप बढ़िया काम कर रहे हैं और दुनिया देख रही है तो कल कोई भी आप को किसी भी कीमत पर लेने को तैयार होगा। तो यह गरूरी नहीं है कि आप की कीमत को हमेशा पैसे की दृष्टि से ही आँका जाय।
कंपनियां क्यों
लोग बड़ी कंपनी, बड़े निगम इसलिये बनाते हैं क्यों कि हम मिल कर वो कर सकते हैं जो व्यक्तिगत रूप से नहीं कर सकते। हम सभी व्यक्तिगत उद्यमियों के रूप में काम कर सकते थे-- और हम लंबे समय से इसी रूप में काम करते रहे हैं-- हर व्यक्ति किसी वस्तु का उत्पादक या व्यापारी होता था। लेकिन जब हम हज़ारों लोगों की इच्छा शक्ति को एक ही दिशा में मिल कर उपयोग में लाते हैं तो वह एक ऐसा निगम होता है जो कुछ बड़ा हासिल करना चाहता है।
इस कंपनी में आप को जो जिम्मेदारी दी गयी है, आप में जो विश्वास दिखाया गया है उसका स्तर ही वास्तव में आप की कीमत तय करता है। आप इसमें से किस हद तक धन कमाते हैं वह महत्वपूर्ण है लेकिन यही सब कुछ नहीं है। आप को अपनी कीमत हमेशा उस जिम्मेदारी की दृष्टि से आँकनी चाहिये जो लोग आप को देने को तैयार हैं और, जो आप बना रहे हैं, क्या वह आप के लिये और दूसरों के लिये वाकई कीमती, महत्वपूर्ण है?
No comments:
Post a Comment
All the postings of mine in this whole forum can be the same with anyone in the world of the internet. Am just doing a favor for our forum users to avoid searching everywhere. I am trying to give all interesting informations about Finance, Culture, Herbals, Ayurveda, phycology, Sales, Marketing, Communication, Mythology, Quotations, etc. Plz mail me your requirement - amit.knp@rediffmail.com