धर्म क्या है ?
भागवत [४-२-४९-५०] ने धर्म को समझाने के लिये एक रूपक दिया ,
धर्म की पत्नियों का >>>>>
श्रद्धा,मैत्री,दया,शान्ति:,तुष्टि:,पुष्टि: क्रियोन्नति: ।
बुद्धिर्मेधा तितिक्षा ह्रीर्मूर्तिर्धर्मस्य पत्नय:।
धर्म की जीवन-संगिनी हैं >श्रद्धा, मैत्री, दया, शान्ति:, तुष्टि:, पुष्टि: क्रिया उन्नति,
बुद्धि ,मेधा, तितिक्षा,,और लज्जा ।
फिर इनके पुत्रों का नाम बताया
< श्रद्धा का पुत्र शुभ,
मैत्री का पुत्र प्रसाद [प्रसन्नता ] ,
दया का पुत्र अभय ,
शान्ति का पुत्र सुख ,
तुष्टि का पुत्र मोद ,
पुष्टि का पुत्र अहंकार,
क्रिया का पुत्र योग,
उन्नतिका पुत्र दर्प,
बुद्धि का पुत्र अर्थ,
मेधाका पुत्र स्मरण,
तितिक्षाका पुत्र क्षेत्र , ह्री अर्थात
लज्जा का पुत्र >विनय।
भागवत [४-२-४९-५०] ने धर्म को समझाने के लिये एक रूपक दिया ,
धर्म की पत्नियों का >>>>>
श्रद्धा,मैत्री,दया,शान्ति:,तुष्टि:,पुष्टि: क्रियोन्नति: ।
बुद्धिर्मेधा तितिक्षा ह्रीर्मूर्तिर्धर्मस्य पत्नय:।
धर्म की जीवन-संगिनी हैं >श्रद्धा, मैत्री, दया, शान्ति:, तुष्टि:, पुष्टि: क्रिया उन्नति,
बुद्धि ,मेधा, तितिक्षा,,और लज्जा ।
फिर इनके पुत्रों का नाम बताया
< श्रद्धा का पुत्र शुभ,
मैत्री का पुत्र प्रसाद [प्रसन्नता ] ,
दया का पुत्र अभय ,
शान्ति का पुत्र सुख ,
तुष्टि का पुत्र मोद ,
पुष्टि का पुत्र अहंकार,
क्रिया का पुत्र योग,
उन्नतिका पुत्र दर्प,
बुद्धि का पुत्र अर्थ,
मेधाका पुत्र स्मरण,
तितिक्षाका पुत्र क्षेत्र , ह्री अर्थात
लज्जा का पुत्र >विनय।
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